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Ovarian Cyst in Hindi : ओवेरियन सिस्ट क्या है? लक्षण एवं उपचार

Ovarian Cyst in Hindi ओवेरियन सिस्ट क्या है लक्षण एवं उपचार

सभी महिलाओं में जन्म से ही पेट के निचले हिस्से में दो ओवरीज होती है। गर्भाशय के दोनों तरफ एक-एक ओवरीज होती है। दोनों ओवरी का आकार बादाम के बराबर होता है। हर महीने ओवरी फैलोपियन ट्यूब में एग्स रिलीज करती है, जिसे ओवुलेशन कहा जाता है। इस दौरान या फिर इसके बाद हीं ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst in Hindi) आकार लेती है। ओवेरियन सिस्ट किसी भी उम्र में हो सकती है।

ओवेरियन सिस्ट की स्थिति में कुछ महिलाओं को दर्द या पेल्विस में दबाव का अनुभव हो सकता है, जबकि कुछ महिलाओं को ओवेरियन सिस्ट होने पर भी कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। अधिकांश ओवेरियन सिस्ट में सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। आमतौर पर हानिरहित होते हैं और समय के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं। यह गैर कैंसरयुक्त होती है, हालांकि कुछ सिस्ट कैंसर में परिवर्तित हो सकती है। ऐसे में संकेत दिखने पर डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

ओवेरियन सिस्ट क्या है? (What is an Ovarian Cyst in Hindi)

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ओवेरियन सिस्ट तरल पदार्थ ले भरी थैली (गांठ) होती है, जो आमतौर पर ओवरी (अंडाशय) में या फिर उसकी सतह पर होती है। ओवेरियन सिस्ट होना काफी आम है। अधिकांश समय कोई भी असुविधा नहीं होती या फिर बहुत कम असुविधा का अनुभव करना पड़ता है। अधिकांश सिस्ट बिना किसी उपचार के अपने आप ठीक हो जाती है। सिस्ट का आकार 1 सेंटीमीटर से लेकर 10 सेंटीमीटर से अधिक हो सकता है।

हालांकि कभी कभी ओवेरियन सिस्ट मुड सकते हैं या फिर फट सकते हैं। जिसके लक्षण काफी गंभीर होते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए नियमित रूप से पेल्विक की जांच करें और संकेत दिखने पर इसका सहीं समय पर निदान करें।

 ओवेरियन सिस्ट के प्रकार (Types of Ovarian Cyst in Hindi)

ओवेरियन सिस्ट महिलाओं की ओवरी (अंडाशय) में बनने वाले तरल पदार्थ से भरे थैली जैसे ढांचे होते हैं। ओवेरियन सिस्ट के कई प्रकार होते हैं, आइये जानते है ओवेरियन सिस्ट के मुख्य प्रकार

1. फॉलिक्युलर सिस्ट (Follicular Cyst)

यह सिस्ट का सबसे आम प्रकार है। मासिक धर्म के दौरान एग रिलीज करने के लिए जब फॉलिकल नहीं खुलता तब इस तरह के सिस्ट विकसित होते है। इस सिस्ट में कोई लक्षण नहीं दिखते और आमतौर पर 1-3 महीनों में यह ठीक हो जाता है।

2. कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट (Corpus Luteum Cyst)

जब एग रिलीज करने वाली थैली सामान्य तरीके से सिकुड़ने की जगह तरल पदार्थ से भर जाती है तब इस प्रकार के सिस्ट विकसित होते है। यह कुछ हफ्तों में ठीक हो जाती है। हालांकि यह ओवरी को मोड़ भी सकते हैं, जिससे दर्द और ब्लीडिंग हो सकता है।

3. डर्मॉइड सिस्ट (Dermoid Cyst)

यह सिस्ट महिलाओं में जन्म से ही होते हैं। आमतौर पर इसके कोई लक्षण नहीं दिखते। हालांकि इसका आकार बढ़ने पर असुविधा हो सकती है।

4. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)

अगर इसका इलाज समय पर नहीं किया जाता तो इससे ओवरी में बहुत से सिस्ट बनने लगते हैं जो आगे चलकर बांझपन का कारण बनते हैं। इस स्थिति में अनियमित पीरियड्स जैसे संकेत देखने मिलते हैं।

5. एंडोमेट्रियोमा (Endometrioma)

जब गर्भाशय के बहार एंडोमेट्रियल जैसा टिशू विकसित होने लगता है तब इस प्रकार के सिस्ट विकसित होते हैं। इस सिस्ट की वजह से पीरियड्स और सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है। इसे चॉकलेट सिस्ट के नाम से भी जाना जाता है।

ओवेरियन सिस्ट के सामान्य कारण (Common Causes of Cyst in Hindi)

ओवेरियन सिस्ट कई कारणों से हो सकते हैं, आइये जानते है ओवेरियन सिस्ट के सामान्य कारण को

  • ओवुलेशन संबंधित दवाएं की वजह से फंक्शनल सिस्ट विकसित होने की संभावना रहती है।
  • ओवरी और फैलोपियन ट्यूब में होने वाले संक्रमण की वजह से सिस्ट बन सकती है।
  • गर्भावस्था के दौरान सिस्ट विकसित हो सकती है।
  • एंडोमेट्रियोसिस और पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज की स्थिति में

ओवेरियन सिस्ट के कई सामान्य कारण होते हैं, लेकिन समय पर निदान और सही उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

ओवेरियन सिस्ट के लक्षण (Symptoms of Ovarian Cyst in Hindi)

अधिकांश ओवेरियन सिस्ट के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हालांकि सिस्ट बड़े होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं।

  • पेल्विक दर्द जिसमें अचानक से दर्द होना और फिर अपने आप ठीक हो जाना या फिर पीट में हल्का दर्द होना
  • पेट के निचले हिस्से में सूजन का अनुभव होना
  • अनियमित पीरियड्स या फिर पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द होना
  • बार बार यूरिन जाना
  • सेक्स के दौरान दर्द होना
  • टॉयलेट के दौरान दर्द होना
  • मतली और उल्टी के साथ पेल्विक में दर्द होना ओवरी के मुड़ जाने का संकेत है।

ओवेरियन सिस्ट के जोखिम कारक क्या है? (Risk Factor for Cyst in Hindi)

ओवेरियन सिस्ट होने की संभावना सभी महिलाओं को रहती है, इसके अलावा इसके कुछ जोखिम कारक है जो निम्नलिखित हैं।

उम्र (Age)

जब तक मेनोपॉज की शुरुआत नहीं होती तब तक ओवेरियन सिस्ट होने की संभावना रहती है। ज्यादातर ओवेरियन सिस्ट प्रजनन आयु (16-45 वर्ष) की महिलाओं में होते हैं, लेकिन फिर भी कुछ मामलों में हल्की समस्याएं हो सकती हैं।

प्रेगनेंसी (Pregnancy)

गर्भावस्था के दौरान ओवेरियन सिस्ट विकसित हो सकते हैं, खासकर गर्भधारण के प्रारंभिक चरण में। और यह सामान्यतः खुद ही ठीक हो जाते हैं।

प्रजनन उपचार (Fertility Medications)

कुछ महिलाओं को गर्भधारण में मदद करने के लिए दवाइयाँ दी जाती हैं। लेकिन कभी-कभी इससे ओवेरियन सिस्ट का विकास हो सकता है।

ओवेरियन सिस्ट का इतिहास (History of Ovarian Cysts)

अगर महिला को पहले ओवेरियन सिस्ट हो चुका है, तो उसे भविष्य में दोबारा सिस्ट होने का खतरा रहता है।

ओवेरियन सिस्ट की जटिलता (Complications of Ovarian Cyst in Hindi)

अधिकांश ओवेरियन सिस्ट से कोई जटिलताएं पैदा नहीं होती। हालांकि इसके सहीं निदान से जटिलताओं का पता लगाया जा सकता है। ओवेरियन सिस्ट से निम्नलिखित जटिलताएं पैदा हो सकती है।

कैंसर (Cancer)

ओवेरियन सिस्ट गैर कैंसरयुक्त होती है। हालांकि मेनोपॉज शुरू होने के बाद विकसित होने वाली ओवेरियन सिस्ट कैंसर में परिवर्तित हो सकती है।

ओवेरियन सिस्ट का फटना (Ruptured Ovarian Cyst)

फंक्शनल सिस्ट फटने की संभावना अधिक रहती है  इतना ही नहीं इस प्रकार की सिस्ट में कोई लक्षण भी दिखाई नहीं देते। सिस्ट फटने पर दर्द, चक्कर आना या कमजोरी जैसे संकेत दिख सकते हैं। यह सिस्ट जितना बड़ा होगा उतना ही उसके फटने की संभावना अधिक रहती है।

ओवेरियन का मुड़ जाना (Ovarian Torsion)

कुछ सिस्ट इतने बड़े हो जाते हैं कि ओवेरियन को भी मोड़ सकते हैं। इसकी वजह से ओवरी का ब्लड फ्लो बाधित होता है जो कि मृत्यु का कारण बन सकता है। अत्यधिक दर्द, मतली और उल्टी इसके संकेत है।

ओवेरियन सिस्ट के इलाज के तरीके (Treatment Options for Ovarian Cyst in Hindi)

ओवेरियन सिस्ट का उपचार सिस्ट के आकार, प्रकार, लक्षणों की गंभीरता, और इसके संभावित कारणों पर निर्भर करता है।

दवाएं (Medications)

सिस्ट का आकार बढ़ने से रोकने के लिए हार्मोनल, सिंथेटिक हार्मोनेस, गर्भनिरोधक गोलियां दी जाती है। अधिकांश दवाएं सिर्फ सिस्ट के आकार को बढ़ने से रोक सकती है, उसके आकार को कम नहीं कर सकती।

सर्जरी (Surgery)

अधिकांश सिस्ट मेनोपॉज के शुरू होने तक ठीक हो जाते हैं, हालांकि सिस्ट बड़े और उससे अत्यधिक दर्द होता हो तो ऐसी स्थिति में उसे हटाना जरूरी हो जाता है। इतना ही नहीं अगर सिस्ट कैंसर में परिवर्तित होने की संभावना हो तो भी डॉक्टर उसे हटाने के लिए सर्जरी का सुझाव दे सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर लेप्रोस्कोपी या लैपरोटॉमी सर्जरी कर सकते हैं।

ओवेरियन सिस्ट से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Ovarian Cyst in Hindi)

ओवेरियन सिस्ट महिलाओं में आम है। हालांकि इससे बचने के लिए जीवनशैली में निम्नलिखित परिवर्तन कर उसके लक्षण को कम किया जा सकता है।

  • जंक फूड, फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से बचें
  • रोजमर्रा की जिंदगी में योगा या कसरत को शामिल करें
  • धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें
  • हरि सब्जियां और मोसमी फलों का अधिकतम सेवन करें
  • पर्याप्त नींद लें और तनाव से दूर रहें
  • तेल और मसालेदार चीजों से दूर रहें

कब डॉक्टर से संपर्क करें? (When to Consult a Doctor)

ओवेरियन सिस्ट का प्रेगनेंसी स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है, विशेष रूप से यदि आप गर्भधारण की योजना बना रहे है तोह । तो यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि आप एक विशेषज्ञ से परामर्श करें। दाएं या बाएं अंडाशय में सिस्ट (Right Ovarian Cyst in Hindi और Left Ovarian Cyst in Hindi) होने से गर्भधारण की प्रक्रिया में रुकावट आ सकती है। ओवेरियन सिस्ट के संकेत मिलने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आमतौर पर ओवेरियन सिस्ट गैर कैंसरयुक्त होती है और कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है। हालांकि कुछ मामलों में सिस्ट के लक्षण दर्दनाक होते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर का संपर्क करना आवश्यक है।

इसके अलावा पेट या फिर पेल्विक एरिया में अचानक तेज दर्द, दर्द के साथ बुखार या उल्टी होना, कमजोरी या चक्कर आना जैसे संकेत दिखने पर तुरंत हीं डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

निष्कर्ष

सभी महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst in Hindi) होने की संभावना रहती है। कुछ महिलाओं को ओवेरियन सिस्ट होने पर भी कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। हालांकि कुछ मामलों में सिस्ट का आकार बड़ा होने पर इसके लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। कुछ सिस्ट कैंसर में परिवर्तित होने की संभावना भी रहती है। आमतौर पर मेनोपॉज के बाद सिस्ट की समस्या अपने आप ठीक हो जाती है। यदि आपको ओवेरियन सिस्ट के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित उपचार प्राप्त करें। दिव्य वात्सल्य ममता IVF के श्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं IVF Specialist Doctor रश्मि प्रसाद आपकी मदद के लिए हमेशा तत्पर हैं। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

ओवरी में सिस्ट होने से क्या होता है?

ओवरी में सिस्ट होने पर अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द, सेक्स के दौरान दर्द, पेल्विक एरिया में अचानक तेज दर्द जैसे संकेत देखने मिल सकते हैं।

ओवरी में सिस्ट क्यों बनती है?

ओवरी में सिस्ट बनने के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। आमतौर पर हार्मोनल असंतुलन या बदलती लाइफस्टाइल की वजह से सिस्ट बनने लगती है।

ओवरी सिस्ट फटने से क्या होता है?

ओवरी सिस्ट आमतौर पर हानिरहित होते हैं हालांकि कभी कभी यह बड़ा हो सकता है और फट भी सकता है। यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती हैं।

क्या बिना सर्जरी के ओवरी सिस्ट को हटाया जा सकता है?  

अधिकांश ओवेरियन सिस्ट कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है। इसमें दवाई की भी जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि ओवेरियन सिस्ट बड़े हो या फिर अत्यधिक दर्द होने पर डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। कुछ मामलों में ओवेरी सिस्ट को सर्जरी से हटाने की जरूरत पड़ सकती है।

ओवेरियन सिस्ट का निदान कैसे किया जाता है?

ओवेरियन सिस्ट के निदान के लिए पैल्विक परिक्षण, इमेजिंग टेस्ट, ब्लड टेस्ट, लैप्रोस्कोपी किया जा सकता है।

सिस्ट को प्राकृतिक रूप से कैसे ठीक किया जा सकता है?

अरंडी तेल की सिकाई, सेंधा नमक से भरे पानी में निचले हिस्से को डूबो कर रखकर सिकाई, हर्बल चाय का सेवन, सेब का सिरका, चुकंदर, अदरक का सेवन करने से ओवेरियन सिस्ट के दर्द में राहत मिलती है।

महिलाओं में सिस्ट होने का कारण क्या होता है?

हार्मोन असंतुलन, मोटापा, वजाइनल इंफेक्शन, अनियमित पीरियड्स जैसे कारणो से सिस्ट होने का खतरा बढ़ जाता है।

सिस्ट की साइज़ कितनी हो सकता है?

ओवेरियन सिस्ट की साइज़ 1 से 10 सेंटीमीटर तक हो सकती है।

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