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Infertility Meaning in Hindi: बांझपन क्या है? कारण, लक्षण और प्रभावी इलाज

Infertility Meaning in Hindi बांझपन क्या है कारण, लक्षण और प्रभावी इलाज

संतान सुख सभी दंपती का सपना होता है। हालांकि एक वर्ष तक असुरक्षित सेक्स करने के बाद भी गर्भधारण करने में विफलता मिलने तो उसका कारण बांझपन (Infertility meaning in hindi) भी हो सकता है। बांझपन का कारण निर्धारित करना मुश्किल हो सकता है, हालांकि सहीं निदान से इसके कारण का पता लगाया जा सकता है।

आज की बदलती लाइफस्टाइल के चलते लाखों लोग बांझपन (Infertility in Hindi) की समस्या से जूझ रहे हैं। इसका प्रभाव उनके परिवार पर भी पड़ता है। एक अनुमान है कि दुनिया भर में हर छह लोगों में से एक बांझपन का शिकार होता है। बढ़ती उम्र के साथ बांझपन की संभावना बढ़ जाती है। आज बांझपन के लिए कई ट्रीटमेंट भी उपलब्ध है। जिसकी मदद से कई दंपतियों को संतान सुख प्राप्त हुआ है।

बांझपन क्या है? (Infertility Meaning in Hindi)

In this Article

 जब पुरुष या महिला किसी भी पार्टनर की प्रजनन प्रणाली में किसी समस्या के कारण गर्भधारण नहीं हो पाता तो उसका प्रमुख कारण बांझपन होता है।‌ बांझपन की समस्या के पीछे महिला या पुरुष या फिर दोनों (Infertility in Men and Women) हीं जिम्मेदार हो सकते हैं।

महिलाओं में बांझपन के लिए अंडाशय, गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब में असामान्यताएं जिम्मेदार हो सकती है और पुरुष में आमतौर पर इजेकुलेशन, स्पर्म की कमी या फिर लॉ स्पर्म काउंट, स्पर्म का असामान्य आकार या फिर गतिशीलता के कारण बांझपन की समस्या हो सकती है। हालांकि पुरुष बांझपन में भी दंपती को बायोलॉजिकल संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।

बांझपन के प्रकार (Types of Infertility in Hindi)

बांझपन के तीन प्रकार जैसे कि प्राइमरी, सेकन्डरी या फिर अस्पष्टीकृत हो सकते हैं।

1. प्राथमिक बांझपन (Primary Infertility)

अगर आप की उम्र 35 या उससे ज्यादा है और आपने इससे पहले कभी गर्भधारण नहीं किया है और एक साल से ज्यादा समय तक असुरक्षित सेक्स करने के बाद भी गर्भधारण करने में सफलता न मिले रही हो तो यह प्राथमिक बांझपन हो सकता है।

2. द्वितीयक बांझपन (Secondary Infertility)

अगर एक बार सफलतापूर्वक माता-पिता बनने के बाद अगर दूसरी बार गर्भधारण करने में सफलता न मिले रही हो तो यह द्वितीयक बांझपन हो सकता है।

3. अस्पष्टीकृत बांझपन (Unexplained Infertility)

फर्टिलिटी टेस्ट के बाद भी गर्भधारण करने में विफलता मिलने का कारण पता न चल पाए तो उसे अस्पष्टीकृत बांझपन कह सकते हैं।

बांझपन के मुख्य कारण (Causes of Infertility in Hindi)

बांझपन महिला या पुरुष या फिर दोनों में हीं हो सकता है। हालांकि इसके कारण अलग-अलग हो सकते हैं।

पुरुषों में बांझपन के कारण (Male Infertility Causes)

1. शुक्राणुओं की कमी या गुणवत्ता में कमी (Low Sperm Count & Poor Quality)

गर्भधारण करने के लिए पुरूषों में स्पर्म काउंट और क्वालिटी का अच्छा होना जरूरी है। सेक्स के दौरान पुरुष जो वीर्य रिलीज करते हैं उसमें स्पर्म काउंट कम हो तो फीमेल एग को पेनीट्रेट करने के लिए आगे नहीं आ पाते और इसकी वजह से गर्भधारण संभव नहीं हो पाता।

2. वीर्य संबंधित समस्याएं (Semen-related Issues)

पुरूषों के वीर्य से जुड़ी समस्याएं भी बांझपन का कारण बन सकती है। जैसे कि स्पर्म की गतिशीलता, स्पर्म का असामान्य आकार वीर्य में स्पर्म की कमी होना जैसे कारण की वजह से इनफर्टिलिटी की संभावना बढ़ जाती है।

3. हार्मोन असंतुलन (Hormonal Imbalance)

पुरुषो में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन मुख्य होता है। स्पर्म उत्पादन में टेस्टोस्टेरोन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी से स्पर्म उत्पादन प्रभावित होता है।

4. टेस्टिकल से जुड़ी समस्याएं (Testicular Issues)

अंडकोष एरिया में दर्द या सूजन या अंडकोष का अधिक गर्म होना जैसे समस्याएं भी बांझपन का संकेत है। स्पर्म के उत्पादन के लिए अंडकोष का सामान्य तापमान होना जरूरी है।

महिलाओं में बांझपन के कारण (Female Infertility Causes)

1. अनियमित ओवुलेशन (Irregular Ovulation)

गर्भधारण करने के लिए महिला की ओवरी से नियमित रूप से एग रिलीज होना जरूरी है। इस प्रक्रिया को ओवुलेशन कहते हैं। जब ओवरी से समय पर एग रिलीज नहीं होता है तब गर्भधारण करने में समस्या हो सकती है। अनियमित ओवुलेशन के लिए की कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

2. पीसीओएस (PCOS & Infertility)

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोन विकार है। इस स्थिति में शरीर प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं करता है। जिसकी वजह से हार्मोनल असंतुलन पैदा होता है। जिससे ओवरी और पीरियड्स दोनों ही प्रभावित होते हैं।

3. फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज (Blocked Fallopian Tubes)

ओवुलेशन के बाद एग को फर्टिलाइज कर उसे वापस गर्भाशय तक पहुंचाने में फैलोपियन ट्यूब मदद करती है। ऐसे में अगर फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो जाती है तो गर्भधारण करने में रूकावट आ सकती है।

4. एंडोमेट्रियोसिस और फाइब्रॉएड (Endometriosis & Fibroids)

गर्भाशय की एंडोमेट्रियम नामक आंतरिक परत जब अन्य क्षेत्रों से जुड़ जाती है और बढ़ने लगती है तब इस स्थिति को एंडोमेट्रिओसिस कहा जाता है। कभी कभी फाइब्रॉयड भी गर्भधारण करने में समस्या का कारण बन सकती है। फाइब्रॉयड फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक भी कर सकती हैं।

बांझपन के लक्षण (Symptoms of Infertility in Hindi)

बांझपन के लक्षण सभी में अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

महिलाओं में बांझपन लक्षण (Female Infertility Symptoms)

1. दर्दनाक पीरियड्स (Painful Periods)

अधिक और दर्दनाक पीरियड्स एंडोमेट्रियोसिस का संकेत है। जिसकी वजह से पीरियड्स में अधिक रक्तस्राव, दर्द के साथ चक्कर आना, पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग आना जैसे लक्षण शामिल हैं।

2. अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods)

अनियमित पीरियड्स ओवुलेशन से जुड़ी समस्या का संकेत है जैसे कि PCOS, थाइराइड। अनियमित पीरियड्स या फिर पीरियड्स मिस होना बांझपन का लक्षण है।

3. हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance)

गर्भधारण करने में समस्या होना और हार्मोनल बदलाव से जुड़े संकेत जैसे कि वजन बढ़ना, चेहरे पर मुहांसे आना, सेक्स ड्राइव में कमी, चेहरे या फिर दूसरे हिस्सों में बालों का आना इत्यादि बांझपन के लक्षण हो सकते हैं।  

4. संभोग के दौरान दर्द (Pain During Intercourse)

इंफेक्शन, एंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉयड जैसी समस्याएं होने पर सेक्स के दौरान दर्द का सामना करना पड़ सकता है। यह समस्याएं महिला प्रजनन क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करती है।

पुरुषों में बांझपन के लक्षण (Male Infertility Symptoms)

1. गर्भधारण में असफलता (Failure to Conceive)

अगर एक साथ से ज्यादा समय तक असुरक्षित सेक्स करने के बाद भी कंसीव करने में असफलता मिले रही हो तो यह बांझपन का संकेत है।

2. कम स्पर्म काउंट (Low Sperm Count)

महिला को गर्भवती करने के लिए स्पर्म काउंट सामान्य होना जरूरी है। लो स्पर्म काउंट या स्पर्म की कम गतिशीलता बांझपन का संकेत है।

3. अंडकोष में सूजन या गांठ (Swelling or Lump in Testicles)

पुरुष के अंडकोष में स्पर्म का उत्पादन होता है। अंडकोष में सूजन या गांठ की स्थिति में स्पर्म के उत्पादन में दिक्कतें हो सकती है।

4. शरीर और चेहरे के बालों में कमी (Reduced Body and Facial Hair)

जब पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर असंतुलित हो जाता है तब शरीर या चेहरे पर बाल कम हो जाते हैं। जो बांझपन का हीं एक संकेत है।

बांझपन की जांच कैसे की जाती है? (Infertility Diagnosis in Hindi)

पुरुषों के लिए टेस्ट (Male Infertility Tests)

पुरुष में बांझपन की जांच करने के लिए शारीरिक जांच, ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड, स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड या फिर इजेकुलेशन के बाद युरीन टेस्ट किया जाता है। कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट निम्नलिखित हैं:

1. स्पर्म एनालिसिस (Semen Analysis Test)

इस टेस्ट में पुरुष के स्पर्म को एकत्रित कर लेबोरेटरी में जांच करने के लिए भेजा जाता है। पुरुष के स्पर्म की जांच से बांझपन के साथ ही स्पर्म से जुड़ी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।

2. हार्मोनल टेस्ट (Hormonal Test for Men)

इस टेस्ट में पुरुष हार्मोन जैसे कि टेस्टोस्टेरोन के साथ हाइपोथैलेमस, अंडकोष और पिट्यूटरी ग्रंथि की जांच की जाती है।

महिलाओं के लिए टेस्ट (Female Infertility Tests)

महिलाओं में बांझपन की जांच करने के लिए ओवुलेशन टेस्ट, हार्मोनल ब्लड टेस्ट जैसे टेस्ट के लिए कहा जा सकता है। कुछ सामान्य टेस्ट निम्नलिखित हैं:

1. एचएसजी टेस्ट (HSG Test)

इसे हिस्टेरोसाल्फिंगोग्राफी भी कहा जाता है। इसमें महिला के गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब की जांच की जाती है। यह एक तरह की एक्स-रे प्रक्रिया हीं होती है।

2. अल्ट्रासाउंड और लैप्रोस्कोपी (Ultrasound & Laparoscopy)

ओवरी और गर्भाशय की स्थिति जानने के लिए ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड और गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब के संक्रमण की जांच करने के लिए लैप्रोस्कोपी करवाया जाता है।

बांझपन का प्रभावी इलाज (Effective Treatments for Infertility in Hindi)

चिकित्सकीय उपचार (Medical Treatments)

1. आईवीएफ़ ट्रीटमेंट (IVF Treatment)

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानि की IVF treatment में महिला के एग को पुरूष के स्पर्म के साथ लेबोरेटरी में फर्टिलाइज किया जाता है। फर्टिलाइजेशन के बाद एग को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।

2. आईयूआई ट्रीटमेंट ( IUI Treatment)

इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन यानि की IUI Treatment में पुरुष के स्पर्म का लैबोरेटरी में शुद्धिकरण किया जाता है। जिसके बाद स्पर्म को महिला के ओवुलेशन के दौरान गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिए जाते हैं।

प्राकृतिक और वैकल्पिक उपचार (Natural & Alternative Therapies)

बांझपन की स्थिति में प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए निम्नलिखित प्राकृतिक उपचार किए जा सकते हैं।

1. लहसुन (Garlic)

पुरुष में स्पर्म की संख्या को बढ़ाने के लिए लहसुन कारगर है। लहसुन में एलिसिन नामक तत्व पुरुष की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।

2. अनार (Pomegranate)

रक्त प्रवाह को सामान्य रखने के लिए अनार कारगर है। इसके सेवन से गर्भाशय की ऊपरी परत मजबूत होती है।

3. अश्वगंधा (Ashwagandha)

इसके सेवन से महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा होता है।

बांझपन से जुड़े मिथक vs तथ्य (Myths vs Facts)

मिथकतथ्य
 35 की उम्र के बाद गर्भधारण करना असंभव होता है।35 की उम्र के बाद गर्भधारण करना मुश्किल होता है लेकिन असंभव नहीं।
अनियमित पीरियड्स का मुख्य कारण बांझपन हीं हैं।अनियमित पीरियड्स की वजह हार्मोनल असंतुलन भी हो सकता है।
गर्भ निरोधक दवाएं से प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।गर्भ निरोधक दवाएं तब तक हीं असर दिखाती है जब तक उसका सेवन किया जाता है।
बांझपन की समस्या सिर्फ महिला में होती है, पुरुष में नहीं।बांझपन की समस्या सिर्फ महिला में हीं नहीं बल्कि पुरुष में भी होती है।

निष्कर्ष

आजकल की जीवनशैली और खान-पान का सीधा प्रभाव महिला और पुरुष की प्रजनन क्षमता पर पड़ा है। ऐसे में अधिकांश दंपती बांझपन (Infertility in Hindi) की समस्या से जुझ रहे हैं। हालांकि समय के साथ ही बांझपन का इलाज भी संभव हो पाया है, जिससे कई दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति हुई हैं। हांलाकि इसके लक्षण दिखने पर तुरंत हीं जरूरी निदान करें और सहीं उपचार से गर्भधारण करने में सफलता मिलेगी।

यदि आपको बांझपन के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित सलाह प्राप्त करें। दिव्य वात्सल्य ममता IVF के श्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं IVF Specialist Doctor रश्मि प्रसाद आपकी मदद के लिए हमेशा तत्पर हैं। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या बांझपन स्थायी है? (Is Infertility Permanent?)

जी, नहीं। बांझपन का इलाज संभव है। एक साल से ज्यादा समय तक असुरक्षित सेक्स करने पर भी गर्भधारण करने में सफलता न मिले तो डॉक्टर से परामर्श करें और इसका सहीं इलाज करने से बांझपन की समस्या दूर की जा सकती है।

इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट की कीमत कितनी होती है? (Cost of Treatments)

इन्फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की लागत ट्रीटमेंट के प्रकार, क्लिनिक जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है। आम तौर पर Rs 85,000 लाख से 5 लाख रूपए तक की लागत हो सकती है।

क्या गर्भनिरोधक गोलियों से बांझपन होता है? (Birth Control Pills & Infertility)

गर्भनिरोधक गोलियों का असर तब तक हीं रहता है जब तक आप इसका सेवन करते हैं। गर्भनिरोधक गोलियों का बांझपन से कोई संबंध नहीं है।

पुरुषों और महिलाओं में बांझपन के मुख्य कारण क्या हैं?

पुरुषों शुक्राणुओं की कमी या गुणवत्ता में कमी, वीर्य संबंधित समस्याएं, टेस्टिकल से जुड़ी समस्याएं और महिलाओं में अनियमित ओवुलेशन, PCOS, फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज, एंडोमेट्रियोसिस और फाइब्रॉएड बांझपन के मुख्य कारण है।

क्या बांझपन का इलाज संभव है?

हां, कई मामलों में प्राकृतिक और दवाएं के जरिए हीं बांझपन का इलाज किया जा सकता है। कभी कभी IVF या IUI जैसी ट्रीटमेंट भी बांझपन की समस्या दूर करने में मदद करती है।

क्या पीसीओएस (PCOS) से बांझपन हो सकता है?

PCOS की स्थिति में पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, जिसकी वजह से ओवुलेशन की प्रक्रिया भी बाधित होती है, जो बांझपन का कारण बन सकती है।

कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?

एक साल से ज्यादा समय तक असुरक्षित सेक्स करने पर भी गर्भधारण करने में विफलता मिले या फिर बांझपन के संकेत दिखने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए।

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